टिम पेन के निर्णय ने अंतहीन बहस को जन्म दे दिया

टिम पेन ने पारी तब घोषित की, जब वॉर्नर 300 से अधिक रन बनाकर खेल रहे थे। लारा का 400 रन का रिकॉर्ड अधिक दूर नहीं था। मैच में साढ़े तीन दिन से अधिक का समय था। ऐसे में अगर आप ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान होते तो क्या करते। सोशल साइट पर मैंने इस बारे में लोगों से राय पूछी। सिर्फ 17 फीसदी लोगों ने पारी घोषित करने की बात कही। 76 फीसदी लोगों ने कहा कि वॉर्नर को लारा का रिकॉर्ड तोड़ने का मौका दिया जाना चाहिए था। 7 फीसदी लोगों ने वॉर्नर को निश्चित समय देने की बात कही।


पेन ने जब पारी घोषित की तब वॉर्नर 80 से अधिक की स्ट्राइक रेट से खेल रहे थे। उन्हें लारा का रिकॉर्ड तोड़ने में अधिक समय नहीं लगता। इसके बाद भी पेन ने वॉर्नर को ड्रेसिंग रूप में बुला लिया। वे टीम को पाकिस्तान को दो बार आउट करने के लिए पर्याप्त समय देना चाहते हैं। हमें यह समझना होगा कि आखिर पेन ने ऐसा निर्णय क्यों किया। क्या उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए वॉर्नर को मौका देना चाहिए था या विरोधी को आउट करने के बारे में सोचना चाहिए था। ऑस्ट्रेलिया टीम का कल्चर ही ऐसा है।


टीम की प्राथमिकताएं को व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ऊपर


वहां टीम की प्राथमिकताओं को व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ऊपर रखा जाता है। इस तरह के कठोर निर्णय की क्षमता ने ही उसे दुनिया की सबसे सफल टीम बनाया है। 1994 में ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान मार्क टेलर जब पेशावर में 334 रन पर खेल रहे थे, तब उन्होंने पारी घोषित कर दी। इसके कुछ दिन पहले ही लारा ने गैरी सोबर्स के सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ा था। टेलर ने कहा था कि वे डॉन ब्रेडमैन के उच्चतम 334 रन से अधिक का स्कोर बनाने के बारे में सोच नहीं सकते।


2012 में क्लार्क ने भी पारी घोषित की थी


ब्रैडमैन वहां के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। इसी तरह 2012 में सिडनी में भारत के खिलाफ माइकल क्लार्क ने पारी घोषित कर दी। इस समय वे 329 रन बनाकर खेल रहे थे। इसके अलावा कुछ अपवाद भी हैं। 2003 में पर्थ में जिम्बाब्वे के खिलाफ हेडन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 रन बनाए। उन्होंने ब्रेडमैन के सर्वाधिक रन के अलावा उस समय लारा के 375 रन के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। हालांकि कुछ महीने बाद ही लारा ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।


उस समय टीम के कप्तान स्टीव वॉ थे। इससे यह लगता है कि निर्णय लेने का कोई पैटर्न नहीं है। यह विरोधी टीम के स्ट्रेंथ और मैच की परिस्थिति पर निर्भर करता है। यह समझने वाली बात होगी कि कप्तान अपने ड्रेसिंग रूम की भावनाओं को कितना समझता है। पेन के पारी घोषित करने के निर्णय ने अंतहीन बहस को जन्म दिया है। यदि वॉर्नर उनके निर्णय को सही ठहराते हैं तो वे आरोपों से मुक्त हो जाएंगे।


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